मधुमेह जिसे आम भाषा में डायबिटीज के नाम से जाना जाता है, अब एक आम स्वास्थ्य समस्या हो गई है। डायबिटीज दो तरह का होता है। टाइप ए, जिसमें शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता। टाइप टू, जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या जो इंसुलिन बना है वो ठीक तरह से काम नहीं करता।
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ऐसे पहचाने डायबिटीज
डायबिटीज के लक्षण सामान्यता जल्दी पकड़ में नहीं आते। थकान, खान-पान का पूरा ध्यान रखने के बावजूद वजन गिरना, नजरों का धुंधला होना, प्यास ज्यादा लगना, बार-बार पेशाब लगना जैसे कई लक्षण हैं, जिनसे डायबिटीज को पहचाना जा सकता है। इसके अलावा अगर आपको कोई चोट लगी है और वो ठीक होने में वक्त ले रही है, तो ये भी भी डायबिटीज का लक्षण हो सकता है। कई बार हमें डायबिटीज की समस्या हो जाती है पर लक्षण पहचान नहीं पाते, फिर ये समस्या बढ़ जाती है। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि, इन लक्षणों को पहचान कर तुरंत चेकअप कराया जाए। अगर डायबिटीज का सही समय पर इलाज न किया जाए तो इससे किडनी की समस्या, हार्ट प्रॉब्लम, अंधापन यहां तक कि जान भी जा सकती है। डायबिटीज के इलाज के साथ इसमें परहेज काफी महत्वपूर्ण है। यहां कुछ घरेलू उपाय हैं, जिनको उपयोग में लाकर ब्लड शुगर को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।
व्यायाम
बिना दवाओं के डायबिटीज को कंट्रोल करने का सबसे बेहतर तरीका व्यायाम है। इससे डायबिटीज के खतरनाक रूप में परिवर्तित होने को रोका जा सकता है। एक्सरसाइज करने का वक्त नहीं है तो आप रोजाना आधा किमी वॉक करें। 15 मिनट सामान्य चाल से चलें और 15 मिनट तेज कदमों से चलें। डायबिटीज में वॉक करने के काफी सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं।
ध्यान लगाएं
ध्यान लगाने से हमारे शरीर की इंसुलिन प्रतिरोधकता घटती है। ध्यान लगाने से शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन की मात्रा में संतुलन होता है।
करेला
करेला डायबिटीज के लिए बेहद फायदेमंद होता है। करेला रक्त से ग्लूकोज की मात्रा को कम करता है। ये किसी खास अंग के बजाए पूरे शरीर से ग्लूकोज का मेटाबोलिज्म नियंत्रित करता है।
आंवला
आंवले में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। आंवले का जूस यकृत की कार्यप्रणाली को नियंत्रण में रखता है। आंवले का पाउडर भी गरम पानी के साथ ले सकते हैं।
जामुन
जामुन के फल से लेकर पत्ते और बीज तक डायबिटीज के उपचार में काम आते हैं। आप जामुन को फल के रूप में खा सकते हैं। इसके अलावा बीज सुखाकर इसका चूर्ण बना लें, फिर इसे पानी के साथ दिन में दो बार लें।
तुलसी
तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट्स और इसेंशियल ऑयल पाए जाते हैं। तुलसी की दो तीन पत्तियां या एक टेबलस्पून तुलसी का रस खाली पेट लेने से ब्लड शुगर का स्तर घटता है।
एलोविरा
शुगर कंट्रोल में एलोविरा भी काफी फायदेमंद होता है। एलोविरा के सेवन से कुछ दिनों में ही इसका असर देखा जा सकता है। एलोविरा के पत्तों को रातभर पानी में भिगोकर रखें, सुबह खाली पेट इस पानी को पी लें। एलोविरा का रस या नेक्टर भी पी सकते हैं, इसके अलावा एलोविरा की सब्जी भी बनाई जाती है।
अलसी के बीज
अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है। खाने के बाद डायबिटीज का मरीज अगर अलसी के बीज का सेवन करे तो ये शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लें।
मेथी के दाने
मेथी रसोई में आसानी से मिल जाती है। ब्लड शुगर कंट्रोल करने में इसका भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रात को पानी में दो चम्मच मेथी के दाने भिगो दें। सुबह इन बीजों को चबाकर खाएं और पानी पी लें। मेथी के दानों के पाउडर को दूध के साथ भी ले सकते हैं।
ग्रीन टी
मधुमेह के रोगियों के लिए ग्रीन टी भी फायदेमंद होती है। ग्रीन टी में पॉलीफिनॉल्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, ये शरीर में इंसुलिन के इस्तेमाल को नियंत्रित करते हैं।
आम की पत्ती
15 ग्राम ताजे आम के पत्तों को 250 एमएल पानी में रात भर भिगो कर रख दें। सुबह इस पानी को छान कर पी लें। इसके अलावा सूखे आम के पत्तों को पीस कर पाउडर के रूप में खाने से भी डायबिटीज में लाभ होता है।
ये भी आजमाएं
- एक खीरा, एक करेला और एक टमाटर, तीनों का जूस निकालकर सुबह खाली पेट पिएं।
- नीम के सात पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर या पीसकर पानी के साथ लें।
और अगर आपको मेडिसिन्स चाहिए तो, मेडलाइफ़ से आर्डर कीजिये।
बहुत अच्छे सुझाव है। धन्यवाद।
खूप छान माहिती
पण मराठी भाषेतुन माहिती मिळाली तर जास्त चांगले जसे तेलगू तमिळ या प्रादेशिक भाषेतून माहिती दिली तसे